Tata Advanced Systems Ltd (TASL), जो कि Tata Sons की एक subsidiary है, ने India का पहला Private Sector द्वारा Produced Military-Grade Geospatial Satellite, TSAT-1A, लॉन्च किया है।
ये लॉन्च Florida के Kennedy Space Center से SpaceX के Falcon 9 Rocket के माध्यम से किया गया।
TSAT-1A
TSAT-1A का manufacturing Karnataka के Vemagal में हुआ था और इसे Satellogic के सहयोग से तैयार किया गया। ये Bandwagon-1 Mission का हिस्सा था और इसका weight 50 kilo से कम है।
TSAT-1A अब Low-Earth Orbit (LEO) में है और इसकी High-resolution Imagery की क्षमता है, जो कम से कम 1 Meter per Pixel की Accuracy प्रदान करती है।
Launch का Importance
इस Satellite का successful launch न केवल Tata के लिए बल्कि पूरे Indian Space Sector के लिए एक Milestone है।
ये India की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम है और ये show करता है कि Indian Companies अब Space Technology के क्षेत्र में Globally Compete कर सकती हैं।
Satellite की Capabilities
TSAT-1A की High-Resolution Imagery से भारतीय और Government Agencies बहुत Benefit होंगी।
इससे उन्हें Accurate और Detailed Geospatial Data मिलेगा, जो कि Strategic Planning और Operationsके लिए महत्वपूर्ण है।
Future Plans
TASL का Target ऐसे same LEO Satellites का एक constellation बनाना है, जिससे वे प्रति वर्ष 25 तक Satellite निर्मित कर सकें।
ये India को Space Sector में और more capable और self-reliant बनाएगा।
जहां ISRO, India की Space Discoveries में work करता रहा है, वहीं SpaceX ने Global level पर space travel को नई दिशा दी है।
TSAT-1A का Successful launch SpaceX और ISRO के बीच Potential Collaboration के नए द्वार खोल सकता है।
इस Satellite से मिलने वाली High-resolution Imagery से India को अपने Operations को और अधिक accuracy से planning बनाने और implement करने में मदद मिलेगी। ये India की सीमा सुरक्षा और Strategic Monitoring में एक महत्वपूर्ण योगदान देगा।