Reserve Bank of India (RBI) ने गुरुवार को Banks, NBFCs और housing finance companies जैसे अपने नियमित संस्थाओं के लिए Self-Regulatory Organizations (SROs) को मान्यता देने के लिए एक Omnibus Framework जारी किया। यह Framework SROs के लिए broad objectives,tasks, eligibility criteria और governance standards को define करता है.
जब हम financial sector की बात करते हैं, तो SROs (Self-Regulatory Organizations) का योगदान अनिवार्य और महत्वपूर्ण होता है। RBI द्वारा जारी Omnibus Framework इस क्षेत्र में एक नई दिशा और दृष्टिकोण प्रदान करता है।
RBI का Omnibus Framework क्या है?
RBI का यह Framework SROs के लिए एक सामान्य और सर्वांगीण दिशा-निर्देश प्रदान करता है। इसमें banks, NBFCs, और housing finance companies जैसे regulated entities के लिए मार्गदर्शन शामिल है।
SROs के लिए उद्देश्य और महत्व
Framework के अनुसार, SROs का मुख्य उद्देश्य financial sector में उत्कृष्टता और जवाबदेही को बढ़ावा देना है। इसके लिए वे compliance culture को मजबूत बनाने और innovation को प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
Eligibility Criteria and Governance Standards
Eligibility criteria और governance standards तय करते हैं कि कौन से SROs RBI की मान्यता प्राप्त कर सकते हैं। इसमें विभिन्न sectors से संबंधित SROs के लिए समान नियम और शर्तें लागू होती हैं।
Membership criteria और अन्य terms and conditions यह निर्धारित करते हैं कि SROs को RBI द्वारा मान्यता कैसे मिल सकती है। यह SROs के लिए एक मानकीकृत ढांचा स्थापित करता है।
SROs द्वारा पालन किए जाने वाले मुख्य उद्देश्य
SROs को financial system के भीतर महत्वपूर्ण industry concerns को संबोधित करने और sector के लिए बेहतरी लाने की उम्मीद है। Compliance, innovation, और research & development पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
इस Framework के अंतर्गत, SROs का एक प्रमुख उद्देश्य अपने members के बीच compliance culture को मजबूती प्रदान करना है। विशेष रूप से, छोटे संस्थाओं को guidance और support प्रदान करके उन्हें उद्योग के मानकों के अनुरूप बनाया जाता है।
SROs को innovation और R&D (Research and Development) को प्रोत्साहित करने के लिए भी कहा जाता है, ताकि सेक्टर में नई तकनीकों और प्रथाओं का विकास हो सके। इससे financial sector की समग्र गुणवत्ता और प्रदर्शन में सुधार होगा।
SROs की एक अन्य भूमिका RBI, सरकार और अन्य नियामक संस्थाओं के साथ संवाद स्थापित करना है। इससे उनके members के हितों का प्रतिनिधित्व होता है और policy-making प्रक्रिया में उनकी आवाज़ को महत्व मिलता है।
SROs को financial sector में उठने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान करने की अपेक्षा की जाती है। यह sectoral information को RBI के साथ साझा करने और नीति निर्माण में सहायता करने में शामिल हो सकता है।
RBI का यह Omnibus Framework SROs के लिए एक नया मार्गदर्शक दस्तावेज़ है, जो financial sector की बेहतरी के लिए उनकी भूमिका को मजबूती प्रदान करता है। इससे Framework के माध्यम से, SROs को न केवल अपने members की compliance और governance क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में मार्गदर्शन किया जाता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि वे financial sector में नवाचार और positive change को आगे बढ़ाएं।